बच्चे

रास्ते में मिल जाते हैं
कुछ नादाँ बच्चे
सुबह सुबह ऑफिस जाते वक़्त

बात हो जाती है उनसे कभी कभी
खुद की एक वोकेबोलरी है उनकी-
ता-तक-धत-ऊ-हा-हा-
ये बड़े पेचीदा शब्द हैं
उनकी दुनिया में
बहुत से भाव व्यक्त करते हैं वो
अपनी भाषा में!
बिना किसी सरहद-समाज के
पूरी दुनिया ये भाषा बोलती है!

तुम बड़े बेवकूफ थे जो दुनिया को
भाषा-समाज-सरहद के नाम पर बाँट दिया!

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