लूप (Loop)

समय के
बंद दरवाजों से
आज़ाद होते पल
में क़ैद
कविता
समय के दरवाज़े
बंद कर देती है

और
हर पल में
क़ैद होती है
आज़ादी

समय
जो तीव्र गति से
बढ़ता है,
हर पल थमा
रहता है।

-26.7.14

रेशमी रिश्ते

नहीं है
मेरे पास कोई भी
कविता
तुम्हारे लिए
-शब्द सभी
बेकार हैं

बेकार हैं
सभी कवी
बेकार
सभी फिलोस्फर
जिन्होंने
किया है मूल्यांकन
रिश्तों का
-हमारे पेचीदा
रिश्ते के
अनजान मोड़
पर सब मिलेंगे
तुम्हें

उन सब से दूर
भाग कर तुम
मिलना खुद से

रेशम के धागे
से रिश्ते
भीड़ में
महफूज़ नहीं

तुम्हारे हिस्से
ये काम आया है
-संभाल के
रखना इसे...

26.7.14