जब भी दिल उदास होता है
एक दोस्त मेरे पास होता है
यूँ तो कमाया कुछ नहीं हमने
खर्च करने को जहान होता है
छोटे घरों में रहना पसंद नहीं
सर पर हमारे आसमान होता है
थक जाते हैं जब चलते चलते
तेरी छाँव में मकान होता है
16.8.2016
जब भी दिल उदास होता है
एक दोस्त मेरे पास होता है
यूँ तो कमाया कुछ नहीं हमने
खर्च करने को जहान होता है
छोटे घरों में रहना पसंद नहीं
सर पर हमारे आसमान होता है
थक जाते हैं जब चलते चलते
तेरी छाँव में मकान होता है
16.8.2016
ज़मीन पर टूटे शीशे पड़े थे। रास्तों पर कोई चलता नहीं था। और एक वो जो दौड़ कर पार गया पागल था सबके लिए- और अपने लिए आदर्श।
मेरी कहानियों में मौजूद हैं अनगिनत पागल। मैं बचपन से पागलों के बहुत क़रीब रहा हूँ। और इन पागलों को अपना भी लगता हूँ। लेकिन मैं बॉर्डरलाइन पागल ही बना रहा। बहुत कोशिश भी की कि पूरा पागल बन जाऊँ। अब कोफ़्त होती है ऐसे लोगों से जो ख़ुद को पागल कहते हैं, यायावर कहते हैं। बहुत मुश्किल है साथी। सबकुछ खोने की शर्त है, और पाने को बस खुला आसमान।
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सफ़र मुश्किल है साथी
नहीं आसान यायावरी
खोने को सबकुछ है
और पाने को खुला आसमान
सफ़र मुश्किल है साथी
छोड़ना दुनियावी माया
और पाना शून्य
नहीं सबके बस की
कविता करना बिना मतलब
-कि जान लेना नहीं आएगी
कोई क्रांति
सब क्रांतिवीर फँसे हैं
आलू और प्याज़ ख़रीदने में
और जो बचा है
वो पागल कवि
छंद के आकार में फँसा है
सफ़र मुश्किल है साथी
लेकिन चलो चलते हैं
कि कुछ दूर ही है जूपिटर
- और वहाँ बैठे पागल
इंतज़ार कर रहे हैं।
8.8.2016