रात भर जगा रहता है, सोता नहीं वो

रात भर जगा रहता है, सोता नहीं वो
दिल टूटा तो है, मगर रोता नहीं वो

किस किस को रोकोगे शहर जलाने से
सिर्फ दिखने से इंसान, होता नहीं वो

अब लोगों को पहचानना सीख लिया है
जो जितना अच्छा हो, होता नहीं वो

कौन लुटेरा, कौन दोस्त, कौन क़ातिल
वो सब जानता है, कुछ कहता नहीं वो

30.12.17

अमीरों का भी यही हाल होगा

गरीबों का तो पता है, अमीरों का भी यही हाल होगा
जो जितना दिखता है वो शायद ही उतना खुशहाल होगा

मत पूछो लुटे हुए से वो कैसे लुटा, किसने धोखा दिया
वो जितना जवाब देगा, वो उतना सवाल होगा

भविष्य सुनहरा दिखता है, शहर में शांति आ चुकी
बाकी सब बढ़िया है, सिर्फ धर्म के नाम पर बवाल होगा

नयी हुकूमत अच्छी है बस इसके कुछ शर्त हैं, जान लो
देखो, जो सच बोलेगा वो सबसे पहले हलाल होगा

तुम उसको जितना जानोगे, वो उतना ही पेचीदा हो
वो रोता भी तो है, भले ही उसका नाम निहाल होगा

30.12.17

मेरे पास जो था वो किस्सा...

मेरे पास जो था वो किस्सा पुराना हो गया
आओ के तुमसे मिले एक ज़माना हो गया

दरिया में उतरा तो था बच्चा ही मगर
लहरों से टकरा कर मैं सयाना हो गया

गली गली फिरता है, गीत ग़ज़ल कहता है
दुनिया पागल माने, पर वो दीवाना हो गया

मंज़िल दूर सबकी है, लेकिन चलना है
जीता वही इश्क़ में जो परवाना हो गया

5.12.17