कविता पर अधिकार

मेरी प्रेम कविता
अगर तुम्हारी प्रेमिका को
कुछ देर के लिए बहला सके,
तो इसे अपनी बता कर
उसे सुना देना

मेरी कोई भी कविता
अगर किसी को
दोपहर की धूप में
थोड़ा भी सुख दे सके तो
उसे सुना देना

कोई भी कवि
कविता से बड़ा नहीं है
किसी भी कवि का
कोई अधिकार नहीं है
शब्दों पर

शब्दों को आगे-पीछे रख कर
जो वाक्य बनता है
उस पर सबका बराबर अधिकार है

कविता बहुत छोटी है
एक मासूम मुस्कान के सामने

एक कविता अगर किसी को
मुस्कुराहट दे सके
अगर एक कविता किसी को
हिम्मत दे सके
तो कविता ने अपना काम कर लिया है

सुना देना उसे
और उसकी मुस्कान में
कविता के शब्दों को
बिखरते हुए देखना

- 4.9.19

एक टुकड़ा अंधकार

बहुत उजाले से घिर जाने के बाद
मैं एक टुकड़ा अंधकार अपने जेब से निकाल कर
दुनिया के सामने परोस देता हूँ

बहुत उजाले में
बहुत ठीक से नहीं दिखता
थोड़े अंधकार में
लगभग ठीक दिख जाता है

उजाले की ऊष्मा को
अंधकार की शीतलता ढक लेती है
बिल्कुल वैसे जैसे
रेगिस्तान में पानी का मिलना

उजला रंग बहुत साफ़ दिखता है
लेकिन दुनिया में इतना साफ़ कुछ नहीं
जितना अकेले उजला रंग

अंधकार का कालापन
अपने अंदर सब समा लेता है
अंधकार थोड़ा-थोड़ा सेक्युलर है

और लोगों ने अंधकार से डर कर
रात भर अपने-अपने घरों में
रोशनी कर रखी है

अपने हिस्से का अंधकार खोने के बाद
हमारे पास जो बचा है
वो सबको दिख रहा है
सब उसके लिए लड़ रहे हैं

4.9.19

मैं एक नई कविता कहना चाहता हूँ

मैं एक नई कविता कहना चाहता हूँ

वो कविता जिसमें एक नई बात हो
जिसे किसी ने कभी ना कहा हो

वो कविता जिसे कह कर
मैं मुस्कुरा सकूँ
वो कविता
जो मुझे मेरे हिस्से का सुख दे सके
वो कविता जिसके साथ
मैं चल सकूँ
कुछ देर बात कर सकूँ

उस नई कविता से मैं
नई दुनिया की कल्पना कर पाऊँ
उस नई कविता की सुंदरता में
मैं एक नए संसार की
सुंदरता को देख सकूँ

कि जब इंसानी सभ्यता
सारे पेड़ काट चुकी होगी
मेरी इस कविता से
मैं अपने हिस्से का ऑक्सीजन ले पाऊँ

मेरी नई कविता
एक नए भाषा को जन्म दे
कि जिसके बोल सुन कर
पेड़ों पर नए पत्ते उग आएं
मैं बोलूँ 'बादल'
और मैं बादलों से घिर जाऊँ
कि इस भाषा में सिर्फ 'वर्षा'
बोलने भर से बारिश हो जाए

लेकिन,
ये सब मुझे इतना कहने भर से मिल जाता है
कि मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
और ये बात बिल्कुल भी नई नहीं है

- 4.9.19