मुल्क के खासमखास

हमको दिख रहे सब पागल आस-पास
वो कह रहे ये हैं मुल्क के खासमखास

अब तो क्या बवाल सड़कों पर हो
सड़क की रोड खाक बनेगी गाँव की आस

ये जो देखा तो हो गया बावला वो
पानी को ना जाने है किसकी प्यास

22.1.14

26 जनवरी

आज एक हिन्दू एक मुस्लिम से प्यार रखता नहीं,
क्या मनायें वो दिन जो ख़ास मायने रखता नहीं?

आप करते हैं स्टेटस अपडेट मोमेंट ऑफ़ प्राइड में,
सत्तर प्रतिशत गरीब आबादी को आज फर्क पड़ता नहीं

आप एलीट हुए, डेवलपमेंट की दौड़ में बिजी हो गए,
वो 'गौंडवी' का हरखू अब बिल्कुल भी दौड़ता नहीं

यूँ भी क्या कहना, उदास होना, पढ़कर 'अदम' को निहाल,
तू हिस्सा मुल्क के खुशहाली का जो ज्यादा सोचता नहीं

26.1.14