एक नकली कविता

मैं कभी-कभी कहानी लिखने की सोचता हूँ
और दिन के अंत तक एक नकली कविता लिख लेता हूँ

एक नकली कहानी लिखने से बहुत अच्छा
एक नकली कविता लिखना है
कहानी ज़्यादा वक़्त माँगती है
इस तरह मैं अपना और अपने जान-पहचान वालों का
समय बचा लेता हूँ

कहानी लिखने की प्रक्रिया में
मैंने खुद को अधिक परेशान पाया है
-झूठी कविता परेशान नहीं करती

मुझे दुख सिर्फ इस बात का है कि
मैं सच बोलने की कोशिश में और अधिक झूठ बोल रहा होता हूँ

एक और दुख है-
मैं कई लोगों की सच्ची कविता पढ़ता हूँ
ये जानते हुए कि वो बेहद झूठ है

22.10.18

अंतिम संवाद

कई कई बार
हम नहीं जानते कि अमुक व्यक्ति से
ये हमारा अंतिम संवाद है

सारे संवाद एक संभावना की छोर
पर छोड़े जाते हैं

मेरे स्कूल के कई दोस्तों से
मेरी अंतिम बात कब हुई
मुझे याद नहीं

काम के सिलसिले में मिले
कुछ अच्छे लोगों से अंतिम बात
अब याद नहीं

कई साथी बने
कई जगह घूमे
उनके साथ भी एक अंतिम संवाद हुआ
अब याद नहीं

कुछ लोगों से प्रेम हुआ
कुछ के साथ सपने देखे
धीरे धीरे हम अपने जीवन में
व्यस्त हुए
उनके साथ अंतिम संवाद
कहाँ याद है

हमें कोई अच्छी बात याद नहीं रहती

जिन लोगों से झगड़ कर अलग हुए,
उनसे हुई अंतिम बात
दिल में घर कर गयी
वो हमें अब तक याद है

13.10.18