मेरे पास जो था वो किस्सा पुराना हो गया
आओ के तुमसे मिले एक ज़माना हो गया
दरिया में उतरा तो था बच्चा ही मगर
लहरों से टकरा कर मैं सयाना हो गया
गली गली फिरता है, गीत ग़ज़ल कहता है
दुनिया पागल माने, पर वो दीवाना हो गया
मंज़िल दूर सबकी है, लेकिन चलना है
जीता वही इश्क़ में जो परवाना हो गया
5.12.17
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