अगर खेलना आता तो मैं भी खेल लेता उसके साथ
नादाँ खिलाड़ी हूँ,
बस वो खेलता रहता है मुझसे,मेरी आँखों से...
मेरे आँसू बहुत बदमाश हैं!
*
झाँकती है वो आँखों के झरोखों से
देखती है, बातें करती है
उसकी आँखें जिंदा इंसान हैं!
*
सर्द बहुत हैं रातें
बर्फ सी जम गयी है पलकों पर
इन आसुओं को अब पिघला भी दो!
*
ख़ामोश निगाहें बहुत बोलती हैं,
बिलखती रहती हैं हर शब्...
इनका कोई दोस्त भी नहीं!
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