उधर अँधेरा बहुत है-
कुछ इलाज करो
छिड़क दो कुछ बूँदें सूरज की,
तारों से कहो की जल जाएँ,
अरमानों के दिए जलाओ,
ख़ुद भी जल जाओ...
आह...
वो ज़िन्दगी है
उधर अँधेरा ही रहने दो!
कुछ इलाज करो
छिड़क दो कुछ बूँदें सूरज की,
तारों से कहो की जल जाएँ,
अरमानों के दिए जलाओ,
ख़ुद भी जल जाओ...
आह...
वो ज़िन्दगी है
उधर अँधेरा ही रहने दो!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें