कथा-कहानी-उपन्यास हूँ मैं, कविता हूँ मैं!
एहसास हूँ, एहसास विहीन हूँ... स्वास हूँ, नि:स्वास हूँ...
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एक कहानी
मेरा धर्म
अगर तुम मुसलमान से नफरत करते हो,
तो मैं मुसलमान हूँ
अगर नफरत है तुम्हे हिन्दू से,
तो हिन्दू हूँ मैं
नहीं पसंद अगर कोई सिख,
तो सिख समझना
इसाई या ज्यूू
समझ लेना मुझे अपनी समझ से
क्योंकि तुम इंसान से नफरत करते हो,
और इंसान हूँ मैं
1 टिप्पणी:
nachiz
10 मई 2012 को 12:27 pm बजे
atulayay !
behad pyaar...
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