सोचता हूँ एक दिन
उसके साथ गुज़ार लूँ...
उसकी भी कुछ बातें सुन लूँ ,
सुना दूँ कुछ अनकही बातें उसे
झगड़ लूँ, लड़ लूँ,
दो लम्हा प्यार कर लूँ
बहुत दिन हुए उससे बात नहीं की
दूरियाँ बढ़ गयी हैं दरमयां,
कुछ दूरियाँ मिटा लूँ
सोचता हूँ
एक दिन
अपने रूह के साथ गुज़ार लूँ !
उसके साथ गुज़ार लूँ...
उसकी भी कुछ बातें सुन लूँ ,
सुना दूँ कुछ अनकही बातें उसे
झगड़ लूँ, लड़ लूँ,
दो लम्हा प्यार कर लूँ
बहुत दिन हुए उससे बात नहीं की
दूरियाँ बढ़ गयी हैं दरमयां,
कुछ दूरियाँ मिटा लूँ
सोचता हूँ
एक दिन
अपने रूह के साथ गुज़ार लूँ !
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