कौन है वो?


वो कौन है ?

तुमने कई बार कहा मुझसे,
उसने ही बना डाली है ये दुनिया 
इज़ाद किया है उसने कई बेवकूफियों को
तुमने कई बार मुझसे कहा है

मैं आज तक समझ नहीं पाया
वो कौन है?

वो कोई साइंटिस्ट है ?
जिसने हर लम्हात नयी चीज़ों को जन्म दिया
वो देता रहा रूप अपने ही ख्यालों को,
सोच भी ना सका की
वो ख्याल सिर्फ ख्याल ही होते तो बेहतर रहता

वो कोई accountant है ?
जिसने बना रखा है बही-खाता
हर धर्म के व्यापारियों का,
जो हिसाब रखता है
हर साँस का
जो देता नहीं मुफ्त की खुशियाँ कभी

वो कोई सलेस्मैन है ?
जो बेच रहा है अपने प्रोडक्ट को बारी-बारी
इंसानों के हाथ
बेच रहा है अपनी बनाई ज़मीन को
अपने बनाये आसमान को
अपने ही बनाये इंसान को
मार्केटिंग भी आती है उसे अच्छे से!

या बैठा कोई राइटर है
जो लिख रहा है एक लम्बा उपन्यास...
अपने ही ज़िन्दगी के ऊपर-
वो उपन्यास जो कोई पढ़ नहीं पायेगा
सिर्फ आंसू ही दिखेंगे वहाँ
अपना ही मज़ाक उड़ाता रहता होगा वो
एक बहुत ही अजीब सा मज़ाक
जहाँ सभी मज़ाक का हिस्सा हैं...

बहुत ही सिनिकल सा है वो!

लेकिन पता नहीं
कौन है वो?

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