अब मै छंद मुक्त हूँ!
भाषा -विहीन
दिशा -विहीन
अब सिर्फ एह्सासों का झुण्ड हूँ
अब मै छंद -मुक्त हूँ
तृप्त सा अतृप्त
अतृप्त सा तृप्त
अब मै बुझी सी जागी
जागी सी बुझी प्यास हूँ
इकतारे से सितार की
सितार से इकतारे की
बिखरती साज़ हूँ
अब खामोश आवाज़ हूँ
छंद भी हूँ
गद्य भी हूँ
कविता -कहानी -उपन्यास हूँ
अब बस एक शब्द हूँ
शब्द -विहीन हूँ
अब छंद -मुक्त हूँ!
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