धरती के पास अपना गुरुत्वाकर्षण होता है
वैसे ही जैसे सूरज में है
जुपिटर जैसा गुरुत्वाकर्षण
दूर तारे के किसी ग्रह में भी होता है
सबके पास अपना अपना
थोड़ा कम थोड़ा ज़्यादा होता है
गुरुत्वाकर्षण
मैं जीवन की कल्पना नहीं कर पाता
बिना गुरुत्वाकर्षण को सोचे हुए
तुम्हारे गुरुत्वाकर्षण का असर इतना है
कि किसी ग्रह की तरह
तुम्हारे किनारे ही जीवन भर चलता रहा हूँ
तुम्हारी परिधि में जीवन की कल्पना करते हुए
जीवन जी रहा हूँ
तुम्हें खोज लिया किसी ने
अपनी टेलिस्कोप से
लेकिन अभी किसी वैज्ञानिक ने नहीं खोजा है
मुझ छोटे ग्रह को
अभी किसी को पता नहीं कि
कई प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह पर जीवन है
जिसके तारे तुम हो
और जिसके गुरुत्वाकर्षण से
मेरे पूरे शरीर में एक सभ्यता पल रही है
3.1.20
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