कविता पर अधिकार

मेरी प्रेम कविता
अगर तुम्हारी प्रेमिका को
कुछ देर के लिए बहला सके,
तो इसे अपनी बता कर
उसे सुना देना

मेरी कोई भी कविता
अगर किसी को
दोपहर की धूप में
थोड़ा भी सुख दे सके तो
उसे सुना देना

कोई भी कवि
कविता से बड़ा नहीं है
किसी भी कवि का
कोई अधिकार नहीं है
शब्दों पर

शब्दों को आगे-पीछे रख कर
जो वाक्य बनता है
उस पर सबका बराबर अधिकार है

कविता बहुत छोटी है
एक मासूम मुस्कान के सामने

एक कविता अगर किसी को
मुस्कुराहट दे सके
अगर एक कविता किसी को
हिम्मत दे सके
तो कविता ने अपना काम कर लिया है

सुना देना उसे
और उसकी मुस्कान में
कविता के शब्दों को
बिखरते हुए देखना

- 4.9.19

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