मेरे मरने के बाद
मुझे वैसे याद करना
जैसे एक मृत कवि को याद करते हैं
तब तुम भूल जाओगे
मेरा किया बाकि सब
मुझे मेरे शब्दों से याद करोगे
तुम मुझे सिर्फ
इस बात से याद करना
कि मैं क्या सोचता था-
प्रेम के बारे में
जीवन के बारे में
मृत्यु के बारे में
अनंत के बारे में
मुझे बाकी लोगों
कि तरह मत याद करना-
कि मैंने कितना कमाया
कितना गवांया
क्या किया
क्या नहीं कर पाया
मुझे याद करना
कि जब मैं कुछ नहीं
करता था
तो क्या करता था
मैं तुम्हारी यादों में
एक कविता बना रहना चाहता हूँ
जिसे तुम जब भी पढ़ो
किसी और को भी सुनाने का मन करे
कि मैं तुम दोनों के लिये
दो सेकेंड की मुस्कान ला सकूँ
-मरने के बाद भी
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