कुछ लेकर वापस थोड़े ही जाना है
ऐ दुनिया, सारा हिसाब चुकाना है
तू कोई आखरी इंसान तो नहीं है
तेरे बाद भी किसी को आना है
अच्छा भी याद है, बुरा भी याद है
जिसने जो दिया वापस लौटाना है
मैं सच देख लेता हूँ सबकी आंखों में
ये झूठी बात है कि झूठा ज़माना है
कोई अपना दिल खोल कर लिखता है
और दुनिया कहे 'ये तो अफसाना है'
17.2.20
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