सबके पास एक कहानी है
और सब एक दूसरे को
बारी बारी से वही कहानी सुना रहे हैं
कहानी सुनते हुए हम भूल जाते हैं
कि असली कहानी कौन सी थी, किसकी थी
घूमते फिरते कहानियाँ इधर उधर खो जाती हैं
तुम्हारी कहानी किसी और से सुनी है मैंने
अच्छी है
लेकिन मैं क्या कह रहा था...
इसको दूसरे तरीके से कह सकते हैं क्या?
मैंने कई साल तक अपनी कहानी बचा कर रखी
कि अकेले में तुम्हें सुनाऊँगा
लेकिन हम कभी अकेले नहीं मिले
जब सब लोग तुम्हारी कहानी सुन लेंगे
तब मिलना मुझसे
तुम्हारी सुनी
और मेरी अनसुनी कहानी के मिलने से
एक नई कहानी शुरू हो सकती है
ऐसा मुझे लगता है
25.8.18
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