मैं तुम्हारा...

समझो मत मुझे
शब्दों में,
पहचानों मुझे
शब्दहीनता में

शब्द से परे,
आकार से दूर
मौन की ध्वनि में

पहचानों मुझे
मत मेरी छाया में,
समझो मुझे
स्वयं में।

-22.05.2014

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