रोज़ रात
को उड़नतस्तरी
आती है,
रोज़ रात
साबू और राका
आते हैं
चाचा चौधरी से मिलने
लेकिन चाचा जी की
तबियत अब ठीक
नहीं रहती
उमर हो गयी है
और दमे की दिक्कत है
चाचा जी ने
बोला है साबू को
कि कोई भी दिक्कत हो
तो मुझसे
बात करने को
कल जब उड़नतस्तरी
आएगी
तो बैठ जाऊँगा
मैं और मोती झट से
सफ़र थोड़ा लम्बा
होगा
हम बैठेंगे बिसकुट
और पंडित जी की
जलेबियाँ लेकर,
और
पहुँच जायेंगे
जुपिटर पर।
को उड़नतस्तरी
आती है,
रोज़ रात
साबू और राका
आते हैं
चाचा चौधरी से मिलने
लेकिन चाचा जी की
तबियत अब ठीक
नहीं रहती
उमर हो गयी है
और दमे की दिक्कत है
चाचा जी ने
बोला है साबू को
कि कोई भी दिक्कत हो
तो मुझसे
बात करने को
कल जब उड़नतस्तरी
आएगी
तो बैठ जाऊँगा
मैं और मोती झट से
सफ़र थोड़ा लम्बा
होगा
हम बैठेंगे बिसकुट
और पंडित जी की
जलेबियाँ लेकर,
और
पहुँच जायेंगे
जुपिटर पर।
-13.05.2014
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