उस दिन
के झगड़े के
बाद
सामने वाले
मोहल्ले का हो गया
बटवारा
हो गया बटवारा
वैसे ही जैसे
इंडिया और पकिस्तान
का हुआ था-
अब कोई बात नहीं करता
एक-दुसरे से
सब डरे-सहमे
से रहते हैं
बच्चे नहीं खेलते
क्रिकेट
और कुल्फी वाला
अब उधर नहीं
जाता कुल्फी बेचने
मुझे बताया है मेरे
दोस्त साबू ने
वहाँ नहीं होती
ऐसी कोई भी बेवकूफी
नहीं होता बटवारा
मोहल्ले और देश का
जुपिटर पर।
के झगड़े के
बाद
सामने वाले
मोहल्ले का हो गया
बटवारा
हो गया बटवारा
वैसे ही जैसे
इंडिया और पकिस्तान
का हुआ था-
अब कोई बात नहीं करता
एक-दुसरे से
सब डरे-सहमे
से रहते हैं
बच्चे नहीं खेलते
क्रिकेट
और कुल्फी वाला
अब उधर नहीं
जाता कुल्फी बेचने
मुझे बताया है मेरे
दोस्त साबू ने
वहाँ नहीं होती
ऐसी कोई भी बेवकूफी
नहीं होता बटवारा
मोहल्ले और देश का
जुपिटर पर।
-13.05.2014
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