बहुत हो गयी बातें,
नहीं ज़रूरत क्रांति की
बेकार हैं सब क्रांतिकारी-
भगत सिंह, मार्क्स, गाँधी
और लल्लन चाचा
क्रांति नहीं लाएगी
जलेबियाँ सबके लिए
गरम-गरम,
मिलेगी जलेबियाँ
सिर्फ पंडित जी
के दुकान पर-
तीन रुपये की चार
लेकिन पंडित जी
अब नहीं रहते वहाँ
कुछ दिन पहले
मर गए वो,
लेकिन
वो मुझसे मिलेंगे
जल्द
और देंगे जलेबियाँ
खूब सारी-
जुपिटर पर।
नहीं ज़रूरत क्रांति की
बेकार हैं सब क्रांतिकारी-
भगत सिंह, मार्क्स, गाँधी
और लल्लन चाचा
क्रांति नहीं लाएगी
जलेबियाँ सबके लिए
गरम-गरम,
मिलेगी जलेबियाँ
सिर्फ पंडित जी
के दुकान पर-
तीन रुपये की चार
लेकिन पंडित जी
अब नहीं रहते वहाँ
कुछ दिन पहले
मर गए वो,
लेकिन
वो मुझसे मिलेंगे
जल्द
और देंगे जलेबियाँ
खूब सारी-
जुपिटर पर।
-13.05.2014
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें