मैं बातें
तुमसे नहीं करता-
तुम्हारे अंदर के
मैं से करता हूँ
इतने सालों में
मैंने तुम्हारे अंदर
बना डाला है
अपना एक घर
तुम जब चले जाओगे
तब सोचूँगा
मैं रहता कहाँ था
अभी मैं
तुमसे बात करने में
खुद से बात करने का
सुख देख रहा हूँ।
मैं बातें
तुमसे नहीं करता-
तुम्हारे अंदर के
मैं से करता हूँ
इतने सालों में
मैंने तुम्हारे अंदर
बना डाला है
अपना एक घर
तुम जब चले जाओगे
तब सोचूँगा
मैं रहता कहाँ था
अभी मैं
तुमसे बात करने में
खुद से बात करने का
सुख देख रहा हूँ।
रात बनके आएगी
मुझे साथ ले जाएगी
तेरी परछाई में मैं बैठूँगा
तुझको सुनूँगा, सुनाऊँगा
मैं साँझ सा खो जाऊँगा
रे मैं नदी
तू समंदर सी
रे मैं सपना
तू रात मेरी
तारा मैं
आसमान तू
जिस्म मैं
साँस तू
तू रात बनके आएगी
मुझे साथ ले जाएगी
मैं बच्चा सा रोता हूँ
तू लोरी है री
सुन के तुझे मुस्काता हूँ
रे मैं नदी
तू समंदर सी
मैं तुझमे ही समाता हूँ
मैं अंत तुझमे पाता हूँ...