वो जो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
जब शहर नाख़ून सा होता है
वो जो सपने देखता है,ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
उधार की ज़िंदगी में, माँस के लोथरे में
जब हड्डियाँ टकराती हैं, जब तूफ़ान बदन में उठता है
जब प्यास गला सुखाती है, जब अपना खून पीना पड़ता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
कुकुरमुत्तों के झुण्ड में, इंसान का बच्चा पलता है
खूँखार हँसी वो हँसता है
जब बदन बेशरम हो जाता है
सन्नाटे में अधनंगे जिस्म की हेराफेरी होती है
गाली जब नाम बन जाते हैं
जब पैदा होना एक पाप बन जाता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
जब साँस कभी वो लेता है, जब पैदल दो कदम भी चलता है
शहर आवारा सा
शहर सुनामी सा
शहर बदतमीज़ सा
जब उसे घसीटता है
ज़मीन पर लेटा कर जब उसे कुचलता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है!
जब शहर नाख़ून सा होता है
वो जो सपने देखता है,ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
उधार की ज़िंदगी में, माँस के लोथरे में
जब हड्डियाँ टकराती हैं, जब तूफ़ान बदन में उठता है
जब प्यास गला सुखाती है, जब अपना खून पीना पड़ता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
कुकुरमुत्तों के झुण्ड में, इंसान का बच्चा पलता है
खूँखार हँसी वो हँसता है
जब बदन बेशरम हो जाता है
सन्नाटे में अधनंगे जिस्म की हेराफेरी होती है
गाली जब नाम बन जाते हैं
जब पैदा होना एक पाप बन जाता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है
जब साँस कभी वो लेता है, जब पैदल दो कदम भी चलता है
शहर आवारा सा
शहर सुनामी सा
शहर बदतमीज़ सा
जब उसे घसीटता है
ज़मीन पर लेटा कर जब उसे कुचलता है
तब जब वो सपने देखता है, ज़हरीले चुटकुले सुनाता है!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें