एक कविता खो गयी!

एक कविता थी
खो गयी-
जो मिले तो बताना!!

अजीब लगा उसके बिछड़ने का
सोचा न था कोई रिश्ता सा बन गया था उससे

रिश्ता तोड़ना मुश्किल हो रहा है,
जो मिले तो मिलाना
जो दिखे तो बताना!

(सच में एक कविता खो गयी थी| फेसबुक पर ही लिखी  था| रिफ्रेश करने में शायद खो गयी| सेव भी नहीं कर सका था| कुछ याद करके दुबारा लिखा तो "मुलाकातों का सिलसिला" कविता लिख सका!)

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