एक सौदा करना है तुझसे,
मेरे ख्वाब!
छीन ले तू मेरी हकीकत
देदे हर रात झूठी सी,
देदे वो लम्हें
जो हर सफह लिखना चाहता हूँ!
ज़िंदगी कोई सौदागर नहीं,
तानाशाह है एक सल्तनत की
तू आजा-
ख्वाब मेरे
पैगंबर बन कर
मुझे रिहा कर दे!
सच्ची ज़िंदगी से बेहतर-
ओ झूठे ख्वाब,
ज़िंदगी पर लिहाफ रहने दे...
ये सौदा पक्का कर!
मेरे ख्वाब!
छीन ले तू मेरी हकीकत
देदे हर रात झूठी सी,
देदे वो लम्हें
जो हर सफह लिखना चाहता हूँ!
ज़िंदगी कोई सौदागर नहीं,
तानाशाह है एक सल्तनत की
तू आजा-
ख्वाब मेरे
पैगंबर बन कर
मुझे रिहा कर दे!
सच्ची ज़िंदगी से बेहतर-
ओ झूठे ख्वाब,
ज़िंदगी पर लिहाफ रहने दे...
ये सौदा पक्का कर!
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