आतिश

तारों के दिए से
हमने अपना जहाँ सजा लिया
आकाश में देखी आतिश
और दिल को भी दिखा दिया
कुछ यादें ताज़ा कर ली बचपन की

चलो, ये दिवाली भी अच्छी रही!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें