असंख्य सुंदर प्रेम कहानियों के बीच
उन्होंने आम इंसानों वाला प्रेम किया
सिनेमा की तरह सुंदर प्रेम कहानियों को देखते हुए
वो व्यस्त रहे जीवन की आपाधापी में
उनके प्रेम में सबसे ज़रूरी बातें घर खर्चे की होती
उन्हें हर बार मालूम रहता कि प्याज़ का दाम बढ़ा है
वो जानते हर बार नहीं जा सकते घूमने पहाड़ों पर
जीवन के बेहद औसत दिक्कतों को साथ झेला
सिनेमा की सुंदर प्रेम कहानियों को
देखते रहे पूरी निष्ठा से
कि जब-जब पर्दे पर हीरोइन का दिल टूटा
उनका दिल भी थोड़ा टूट सा गया
कि जब-जब प्रेम सफल हुआ पर्दे पर
उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया
और मुस्कुरा दिया अंधेरे में
बिना किसी नाटकीयता के जीवन बीत गया
और बुढ़ापे के दिनों में
एक दूसरे के अगल-बगल ऊँघते पाये गये दोनों
उनके प्रेम संबंध पर कोई सिनेमा नहीं बना
क्योंकि सिनेमा के विपरीत
उनके जीवन का संघर्ष कभी ख़त्म नहीं हुआ
आम इंसानों वाले प्रेम में, पूरा जीवन संघर्ष है
बस प्रेम संघर्ष नहीं -
प्रेम सरल है…
10.11.23