एक प्रेम ऐसा भी

असंख्य सुंदर प्रेम कहानियों के बीच 

उन्होंने आम इंसानों वाला प्रेम किया 

सिनेमा की तरह सुंदर प्रेम कहानियों को देखते हुए

वो व्यस्त रहे जीवन की आपाधापी में


उनके प्रेम में सबसे ज़रूरी बातें घर खर्चे की होती 

उन्हें हर बार मालूम रहता कि प्याज़ का दाम बढ़ा है

वो जानते हर बार नहीं जा सकते घूमने पहाड़ों पर 

जीवन के बेहद औसत दिक्कतों को साथ झेला 


सिनेमा की सुंदर प्रेम कहानियों को 

देखते रहे पूरी निष्ठा से 

कि जब-जब पर्दे पर हीरोइन का दिल टूटा 

उनका दिल भी थोड़ा टूट सा गया

कि जब-जब प्रेम सफल हुआ पर्दे पर 

उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया

और मुस्कुरा दिया अंधेरे में 


बिना किसी नाटकीयता के जीवन बीत गया 

और बुढ़ापे के दिनों में 

एक दूसरे के अगल-बगल ऊँघते पाये गये दोनों 


उनके प्रेम संबंध पर कोई सिनेमा नहीं बना 

क्योंकि सिनेमा के विपरीत 

उनके जीवन का संघर्ष कभी ख़त्म नहीं हुआ 


आम इंसानों वाले प्रेम में, पूरा जीवन संघर्ष है 

बस प्रेम संघर्ष नहीं -

प्रेम सरल है… 


10.11.23 

हमारे आसपास

प्रेम कविता लिखना 

प्रेम करने से बहुत आसान है

इसलिए हमारे आसपास 

अनगिनत प्रेम कहानियाँ पसरी हुई हैं


बहुत आसान है

दूसरे के दुःख को देखकर 

चार महान शब्द गढ़ देना 

इसलिए हमारे आसपास 

महान लोगों की भीड़ है


ठीक युद्ध के बीच बीता बचपन

कविता नही लिखता

इसलिए हमारे आसपास

उसके दुःख-दर्द के नाम पर 

फूहड़ कहानियाँ पायी जाती हैं


ओह, कितना सुख है हमारे आसपास


हमारा 'आसपास'

सबका 'आसपास' नहीं होता


22.9.23 

बचाना

प्रेम में रह कर मैंने जाना,
मेरी लड़ाई दुनिया बचाने की नहीं है

मेरी पूरी कोशिश इतनी भर है
कि मैं तुम्हारे लिए इस दुनिया में
एक ऐसा कोना बचा लूँ
जहाँ पूरी दुनिया अपनी लड़ाइयों के बाद
बच कर आना चाहती हो

(ये प्रेम कविता उसी कोने में बची रहेगी)

- 25.6.23

पटना

मुझ में इतना बसा हुआ है मेरा घर
कि कोई देखे तो दिखे पूरा शहर

मुझे लगता किसी ने नाम मेरा पूछा
जो पूछे बिहार की राजधानी किधर?

एक शोर जो मैं सुनता हूँ ट्रैफिक की
ये ज़रूर कंकड़बाग होगा मेरे अंदर

अब दिखे तो सिर्फ फ्लाईओवर दिखे
पहले दीघा में आते थे आम नज़र 

एक मोहल्ला जहाँ रहता है बचपन
दूर से दिखता है वो पटेल नगर

2.5.22 

अकेलेपन की कविता

अकेले रहने में
चुप रहता हूँ

कोई साथ रहता है तो बोलता हूँ

अकेले रहने में
कभी कभी खुद से बात करता हूँ

किसी और के सामने खुद से बात करूँ 
तो लोग पागल बोलेंगे

लेकिन अकेले रहने में खुद को 
पागल नहीं बोलता हूँ

मैं बोलता हूँ कि
अब मुझे खाना खा लेना चाहिए
अब कुछ पढ़ लो
अब सोने का समय हो गया

मैं कुछ देर अपने बचपन से भी बात करता हूँ

किसी सिनेमा के पात्र की तरह
मुझे मैं दिखता हूँ दूर से

सिनेमा के पात्र को आप कुछ भी बोलो
वो सुन नहीं सकता

मैं भी मैं को सुन नहीं सकता

अकेले रहने में बहुत से पात्र
आपके साथ रहते हैं

ये किसी को बताओ तो वो नहीं मानेगा
इसलिए ये सिर्फ उन पात्रों को ही बताता हूँ
जो मेरी बात नहीं सुन सकते।

3.3.22

प्रेम कविता

पूरे संगीत को समझने के लिए
पूरे संगीत को सुनने की 
आवश्यकता नहीं होती

थोड़े से सुंदर संगीत से भी
पूरे संगीत को समझ सकते हैं

पूरे प्रेम को समझने के लिए
बहुत प्रेम की आवश्यकता नहीं होती

थोड़े से जीवन में 
थोड़ा सा सुंदर प्रेम भी
सम्पूर्ण प्रेम है

8.3.22

कविता और जीवन

जीवन जीने की कोशिश में
जीवन जीता हूँ
जैसे 
कविता लिखने की कोशिश में
कविता

कविता सुंदर तब होती है
जब कोशिश नहीं करता 
जैसे 
जीवन

27.3.22 

समय लगता है

जीवन भर
हम सिर्फ एक रास्ते पर नहीं होते
एक साथ सैकड़ों सड़क पर
हमारे सैकड़ों पैर चल रहे होते हैं

नहीं होता सिर्फ एक गंतव्य
सैकड़ों गंतव्यों को 
हम अपनी सैकड़ों आंखों से
लगातार देखते हैं

नहीं होता किसी का सिर्फ एक साथी
कई संबंध
हमारे साथ चलते हैं जीवन भर

हम बहुत कोशिश भी कर लें
लेकिन हर सफ़र में
तय समय लगता है

मैंने एक शब्द कहा 
उसको तुम तक पहुँचने में 
एक तय समय लगेगा

दूर ग्रह पर
समय के माने अलग हैं,
पृथ्वी पर अलग

मेरे अनुमान से
मुझे तुम तक पहुँचने में
कई पैरों का सफ़र करना है

ऐसे ही पृथ्वी पर समय बीत जाएगा

मैं एक ऐसा ग्रह खोज रहा हूँ
जहाँ सबकुछ धीमी गति से बीते

मैं अपने सारे संबंधों को
वहाँ ले जाना चाहता हूँ

पृथ्वी पर तय समय में
कुछ भी नहीं कर पाया

बस एक काम बचा है -
धीमी गति वाले ग्रह को
जल्दी जल्दी खोजना है

27.9.21 

कविता सरीखा प्रेम

मेरी यादों में
तुम एक कविता जैसी ही हो

मैंने तुम्हें धोखा दिया
लेकिन तुमने मुझे सहर्ष स्वीकारा
- तुमने मुझ में एक संभावना देखी

कविता संभावनाओं को 
विकसित करती है
तुमने प्रेम में मुझे
पाला पोसा है

एक सुंदर कविता वो है
जिसे पढ़ कर
एक कविता लिखने का मन करे

कविता अपना वंश बढ़ाना 
जानती है
- एक जैसे मन को जोड़ती है

हम ऐसे जुड़े 
जैसे कविता की दो पंक्तियाँ 
किसी अदृश्य ताकत से जुड़ती हैं

25.1.22


दुनियादारी

उदास शहर में तेरा हँसना बहुत ज़रूरी है
खुश होना अलग है, दिखना बहुत ज़रूरी है

खुद को ख़ुदा मानते, शहर खरीदते लोग
बस इनसे बच के रहना बहुत ज़रूरी है

कुछ खास नहीं है लेकिन, फिर भी सुन लो
ज़िंदा दिल के साथ जीना बहुत ज़रूरी है

8.9.21