कथा-कहानी-उपन्यास हूँ मैं, कविता हूँ मैं!
एहसास हूँ, एहसास विहीन हूँ... स्वास हूँ, नि:स्वास हूँ...
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पुरानी कवितायें
एक कहानी
बचाना
प्रेम में रह कर मैंने जाना,
मेरी लड़ाई दुनिया बचाने की नहीं है
मेरी पूरी कोशिश इतनी भर है
कि मैं तुम्हारे लिए इस दुनिया में
एक ऐसा कोना बचा लूँ
जहाँ पूरी दुनिया अपनी लड़ाइयों के बाद
बच कर आना चाहती हो
(ये प्रेम कविता उसी कोने में बची रहेगी)
- 25.6.23
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