मुझ में इतना बसा हुआ है मेरा घर
कि कोई देखे तो दिखे पूरा शहर
मुझे लगता किसी ने नाम मेरा पूछा
जो पूछे बिहार की राजधानी किधर?
एक शोर जो मैं सुनता हूँ ट्रैफिक की
ये ज़रूर कंकड़बाग होगा मेरे अंदर
अब दिखे तो सिर्फ फ्लाईओवर दिखे
पहले दीघा में आते थे आम नज़र
एक मोहल्ला जहाँ रहता है बचपन
दूर से दिखता है वो पटेल नगर
2.5.22
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