एहसास हूँ, एहसास विहीन हूँ... स्वास हूँ, नि:स्वास हूँ...
कदम दर कदम रिश्ते तोड़ते गए हम ऐसे अपने सामान छोड़ते गए
आस पास हैं सभी, फिर भी नहीं कोई हम अपने सारे भरम यूँ तोड़ते गए
ज़िन्दगी तू यूँ ही है या मतलब है तेरा हर जवाब में ये सवाल खोजते गए
15.6.16
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