मैं पूरा का पूरा
हूँ अधूरा
और तुम भी
अधूरे
एक दूसरे
से अलग सोचते
एक दूसरे
से अलग चल रहे
ख्वाब अलग
राह अलग
मंज़िलें भी अलग
दूर हो जाते हैं
चलो, हम खो जाते हैं
फिर आसमान में
जब कभी मिलेंगे,
अपनी नादानियों पर
मुस्कुराएंगे
और खेलेंगे वो खेल
जो रह गया अधूरा,
मेरे और तुम्हारे
अधूरेपन में।
11.6.2016
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