इंतज़ार

और
मेरी आँखों के सामने
थम गयी हैं
मेरी साँसे

वो मुझे देखती हैं
और उड़ती हैं
यहीं कहीं-
मेरी साँसे
बन चुकी हैं
पंछी

और मेरा शरीर
एक पेड़-
रुका, थमा, सहमा,
उस पंछी
के इंतज़ार में...

-27.3.15

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