एहसास हूँ, एहसास विहीन हूँ... स्वास हूँ, नि:स्वास हूँ...
हमको दिख रहे सब पागल आस-पास वो कह रहे ये हैं मुल्क के खासमखास
अब तो क्या बवाल सड़कों पर हो सड़क की रोड खाक बनेगी गाँव की आस
ये जो देखा तो हो गया बावला वो पानी को ना जाने है किसकी प्यास
22.1.14
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