बारिश का एक घर बनाएँ

चलो,
बारिश का एक घर बनाएँ
बूंदों से घर सजाएँ

बारिश का एक घर बनाएँ

ख़्वाब सारे एक साथ
झरोखे पर रख देंगे
जब जी करेगा
चुनेंगे, देखेंगे- हँस लेंगे

आँगन में होगी
शैतानी खूब सारी-
हम सूरज की किरणों से नहाएंगे
खेलेंगे कितकित और
लट्टू घुमाएंगे
होगी लुका-छुप्पी उनके साथ
जो हमें दोस्त कह कर खोज ले जायेंगे

ये सब होगा जब हम मिलेंगे
ख़्वाब देखेंगे
सपनों को महसूस करेंगे
आज़ाद कर देंगे सालों से क़ैद
अपने बचपन को
बिखेरेंगे बेमतलबी मुस्कान

चलो ना,
बारिश का एक घर बनाएँ
बूंदों से घर सजाएँ

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