कई कई बार
हम नहीं जानते कि अमुक व्यक्ति से 
ये हमारा अंतिम संवाद है
सारे संवाद एक संभावना की छोर 
पर छोड़े जाते हैं
मेरे स्कूल के कई दोस्तों से 
मेरी अंतिम बात कब हुई 
मुझे याद नहीं 
काम के सिलसिले में मिले 
कुछ अच्छे लोगों से अंतिम बात 
अब याद नहीं 
कई साथी बने 
कई जगह घूमे
उनके साथ भी एक अंतिम संवाद हुआ 
अब याद नहीं 
कुछ लोगों से प्रेम हुआ
कुछ के साथ सपने देखे 
धीरे धीरे हम अपने जीवन में 
व्यस्त हुए 
उनके साथ अंतिम संवाद 
कहाँ याद है 
हमें कोई अच्छी बात याद नहीं रहती
जिन लोगों से झगड़ कर अलग हुए,
उनसे हुई अंतिम बात 
दिल में घर कर गयी
वो हमें अब तक याद है
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें