तेरी मासूमियत

बारिश की शरारत भरी बूंदों में
वो चलना तेरा मेरे साथ

तेरे लटों का भीगना
आँखों को मीचना तेरा...
मासूम बच्चे की तरह
अपने आप को
बूंदों से बचाने की
जद्दोजहद करना...
ज़मीन पर सरपट भागते पानी से
दौड़ लगाने की कोशिश में
अपने आप को और मासूम बनाना!

पत्ते से गिरते
धूल भरे बूंदों से
अपने गाल को पोछना,
कीचड़ को नासमझी में खुद ही
अपने आप पर उछालना...

और फिर पलट कर कहना,
"जल्दी आओ न!"

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